कामयाबी का मतलब क्या है

कामयाबी के मायने कुश लोगो के लिए अलग हो सकते है ।बहुत सारे लोग बचपन से ही इस कामयाबी के पिशे भागने लगे जाते है ।कामयाबी तो सब चाहते है पर कामयाबी के माईने सब लोगो के लिए अलग हो सकते हैं कुछ लोग इस जिंदगी में कुछ कर जाने को ही कामयाबी मांगते हैं और कुछ लोग बहुत सारा धन संपत्ति कमा लेने को ही कामयाबी का नाम दे देते हैं पर असल में कामयाबी वह है जो आपको और आपकी अंतरात्मा को अंदर से सुखी रखती है वरना इस पैसे के लिए तो लोग ना जाने क्या-क्या करते हैं लोगों की भीड़ में अपना एक अलग व्यक्तित्व बनाना भी आसान नहीं होता जो लोग ऐसा मानते हैं वह हमेशा ही दूसरों की तरह जीना नहीं चाहते बल्कि वह कुछ ना कुछ खुद करना चाहते हैं बचपन से ही हमको सिखाया जाता है कि कुछ बड़ा बनना है तो यह फलानी पढ़ाई करके अच्छा खासा पैसा कमाओ और इसमें कुछ भी गलत बात नहीं है क्योंकि सभी लोग यहां पर पैसा कमाना ही चाहते हैं पैसा हमें एक अच्छी जिंदगी देता है हमारे पास वह सब होता है जो पैसा हमें दे सकता है लेकिन फिर भी जिंदगी में आदमी बहुत पैसा कमा कर भी कुछ ना कुछ अपने आप में कमी महसूस करता है यह कमी ही हमें सोचने पर मजबूर करती है है कि हमारा असल में असल मकसद क्या है क्या सिर्फ आदमी यहां पर पैसा कमा कर यूं ही बड़ी-बड़ी गाड़ियां खरीदने करें दिखावा करने के लिए ही आया है ऐसे लोग यकीन नहीं अंतर कुंठा का शिकार रहते हैं संसार में जिंदगी जीने के लिए यह बात भी सही है कि पैसा चाहिए लेकिन पैसे के लिए हमें कौन से रास्ते अपनाने चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी सोच क्या है अगर आपकी सोच अच्छी है तो आप का रास्ता भी अच्छा होगा फिर आप इस बात की और सोचेंगे के सामने आपके किए हुए कार्य से खुश है या नहीं अगर कोई ऐसा कार्य करके धन एकत्र किया जाए जिस ध्यान से हमारी बर्बादी और सामने वाले की बर्बादी हो और समाज भी उससे बर्बाद हो जाए तो इस तरह की धनसंपदा किसी को क्या सुख दे सकती है यह बिल्कुल भी अकल्पनीय बात है अगर बड़ा बनना है तो बड़ी सोच रखनी चाहिए लेकिन बड़ी सोच रखने का मतलब क्या है इसका मतलब यह नहीं कि हमें दूसरों को छोटा समझ कर अपने आप को बड़ा बनाना होगा बल्कि दूसरों को अपने साथ जोड़कर ही खुद अपने आप को बड़ा किया जा सकता है आप आप ऐसा क्या काम कर सकते हैं जिसके द्वारा समाज का हित हो क्योंकि समाज का हित जिस काम से होता है वही काम है आपके लिए उचित है और समाज के लिए भी उचित है जिस काम के लिए समाज का कोई हित नहीं होता वह ना हमारे लिए उचित होता है ना किसी और के लिए उचित होता है ऐसा काम करने से तो आप बहुत जल्दी बहुत बहुत मुश्किलों में पढ़ने वाले हैं

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